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जानिए रानीखेत के बारे में, रानीखेत कहाँ है | where is the Ranikhet (Almora) |why Ranikhet is famous| रानीखेत के बारे में सम्पूर्ण जानकारी |पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें।





रानीखेत (अल्मोड़ा)

उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित रानीखेत एक सुरम्य पर्वतीय स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और सैन्य उपस्थिति के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल समुद्रतल से लगभग 1,869 मीटर (6,132 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से हिमालय की पश्चिमी चोटियों का दृश्य अत्यंत मनोहक होता है ।

इस पर्वतीय नगरी तक अल्मोड़ा और नैनीताल से भी आसानी से पहुँचा जा सकता है. यहाँ अनेक सुन्दर चीड़ के वन और फलों के बाग है. चौबटिया जहाँ राज्य सरकार के फलों के बाग हैं, यहाँ से अधिक दूर नहीं हैं. यहाँ का गोल्फ कोर्स भी प्रसिद्ध है. यहाँ एक रज्जुमार्ग भी है. इस मनोरम स्थल से बहुत समय पहले कुमाऊँ के एक चंद राजा की रानी गुजर रही थी. उन्हें यह स्थान इतना मनोरम लगा कि उन्होंने यहीं पर अपना डेरा डाल दिया, जहाँ पर आजकल रानीखेत क्लब है. उस समय वह एक खेत था. 'रानीखेत' नाम उसी रानी के खेत के नाम से पड़ा वास्तव में यह नगर हिल स्टेशनों की रानी है. रानीखेत की नैसर्गिक सुन्दरता ि श्व विख्यात है. इस नगर की खोज अंग्रेजों ने ही सर्वप्रथम की थी. सन् 1869 में इस नगर की स्थापना हुई थी. तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मेयो (1869-72) को रानीखेत अत्यधिक प्रिय था. रानीखेत आजकल कुमाऊँ रेजीमेंट का मुख्यालय है. इस नगर की व्यवस्था छावनी बोर्ड के द्वारा होती है. यहाँ बोर्ड की ओर से स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है. रानीखेत समुद्रतल से 6000 फीट की ऊँचाई पर 29-76 वर्ग किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है. रानीखेत और चौबटिया छावनियों के अन्तर्गत 2856 एकड़ भूमि का वन है. इस वन की रक्षा भी सेना विभाग करता है. वहुत से सैलानी इस अंचल में पक्षियों के विविध प्रकार के कलरव व स्वरों का आनन्द लेने आते हैं.

 

        रानीखेत में आज सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं. पर्यटकों के लिए पर्याप्त मनोरंजन के साधन जुटाए गए हैं. 'रानीखेत' और 'रोटरी' नामक यहाँ दो क्लब हैं. खेत के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था है. कई पिकनिक स्थल हैं, रहने-खाने की सुन्दर व्यवस्था है. ठहरने के लिए वन विभाग का विश्राम गृह, सार्वजनिक निर्णय विभाग का विश्राम गृह, रानीखेत क्लब, कालिका वन विभाग का विश्राम गृह, उपयुक्त स्थान है, इसके अलावा 'कुमाऊँ मण्डल विकास निगम' ने भी पर्यटकों के लिए 52 शैयाओं का एक आराम- दायक आवासगृह बनाया है. रानीखेत के माल रोड पर घूमने वालों का जमघट लगा रहता है, यह सैलानियों के लिए स्वर्ग है. यहाँ पर मन कामेश्वर मन्दिर, हनुमान मन्दिर, झूला देवी मन्दिर और शिवमन्दिर प्रसिद्ध मन्दिर हैं.

 

 

रानीखेत: उत्तराखंड का शांतिपूर्ण पर्वतीय स्थल

उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित रानीखेत एक सुरम्य पर्वतीय स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और सैन्य उपस्थिति के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल समुद्रतल से लगभग 1,869 मीटर (6,132 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से हिमालय की पश्चिमी चोटियों का दृश्य अत्यंत मनोहक होता है ।

 

रानीखेत का इतिहास

रानीखेत का नाम संस्कृत शब्द 'रानी' (रानी) और 'खेत' (मैदान) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है 'रानी का मैदान'। स्थानीय किंवदंती के अनुसार, यह नाम एक प्राचीन रानी पद्मिनी से जुड़ा है, जो इस क्षेत्र में निवास करती थीं। ब्रिटिश काल में रानीखेत को सैन्य छावनी के रूप में विकसित किया गया, और यह आज भी भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट और नागा रेजिमेंट का मुख्यालय है ।

 

प्रमुख आकर्षण

रानीखेत में दर्शनीय स्थलों की कोई कमी नहीं है। कुछ प्रमुख आकर्षणों में शामिल हैं:

  • झूला देवी मंदिर: यह प्राचीन मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और रानीखेत के बाहरी इलाके में स्थित है।
  • चौबटिया बाग: यह बाग सेब, आड़ू और आलूबुखारा जैसे फलों के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ से हिमालय की चोटियों का दृश्य अत्यंत सुंदर होता है ।
  • भालू डेम: यह जलाशय रानीखेत से लगभग 3 किमी दूर स्थित है और एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
  • हैदाकान बाबाजी मंदिर: यह मंदिर हैदाकान बाबाजी को समर्पित है, जो एक प्रसिद्ध योगी थे, और यह स्थल शांति और ध्यान के लिए उपयुक्त है ।
  • उपत कालिका गोल्फ कोर्स: यह गोल्फ कोर्स रानीखेत से लगभग 4 किमी दूर स्थित है और यहाँ से हिमालय की चोटियों का दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है ।

 

जलवायु और यात्रा का सर्वोत्तम समय

रानीखेत की जलवायु समशीतोष्ण है।

  • गर्मियाँ (अप्रैल से जून): मध्यम तापमान के साथ सुखद मौसम।
  • मानसून (जुलाई से सितंबर): मूसलधार बारिश के कारण यात्रा में कठिनाई हो सकती है।
  • सर्दियाँ (नवंबर से फरवरी): हिमपात के कारण यह समय शीतकालीन खेलों और बर्फबारी का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है।

 

रानीखेत कैसे पहुँचें

  • वायु मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है, जो रानीखेत से लगभग 110 किमी दूर स्थित है।
  • रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो रानीखेत से लगभग 75 किमी दूर स्थित है।
  • सड़क मार्ग: रानीखेत सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और अल्मोड़ा, नैनीताल और काठगोदाम से नियमित बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।

 

आवास और भोजन

रानीखेत में विभिन्न बजटों के लिए होटल, रिसॉर्ट और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। स्थानीय भोजन में 'भात-चुड़ा', 'आलू के पकौड़े' और 'कुमाऊनी रोटी' जैसे पारंपरिक व्यंजन प्रमुख हैं।

 

 

यात्रा सुझाव

  • स्थानीय बाजारों से हस्तशिल्प और कुमाऊनी शॉल खरीदें।
  • हाइकिंग और ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त मार्गों का अन्वेषण करें।
  • स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को समझने के लिए स्थानीय निवासियों से बातचीत करें।